Saturday, August 8, 2015

बेटे लाएंगे लालू के अच्छे दिन ?

बेटे-बेटी को राजनीति में विरासत सौंपने की परंपरा पुरानी रही है । देश का कोई हिस्सा इस परंपरा से अछूता नहीं है । लगभग तमाम पार्टियों में कार्यकर्ताओं से ज्यादा परिवार को तरजीह मिलती रही है । बिहार इस बार भी इससे अछ्ता नहीं रहने वाला है । बेटे-बेटी को सियासी उत्तराधिकारी बनाने में छोटे से लेकर बड़ा नेता तक शामिल है । लालू यादव हों तब या फिर रामविलास पासवान, रघुनाथ झा, शकुनी चौधरी, जगन्नाथ मिश्रा जैसे नेता ।लोकसभा चुनाव में बेटी को विरासत सौंपने का मन बनाने वाले लालू अब डोल गये हैं । बेटी हार गईं तो लालू अब बेटों में अपना भविष्य देख रहे हैं । बेटों का भविष्य संवारने के लिए लालू हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार है ।
बिहार में हर तरफ इसी बात की चर्चा है कि लालू ने अपने बेटों का भविष्य बनाने के लिए ही नीतीश के सामने घुटने टेके हैं । सांसद पप्पू यादव को पार्टी से निकाला भी इसीलिए गया था क्योंकि विरासत के सवाल पर उन्होंने बगावत का बिगुल बजा दिया था । पप्पू यादव खुद को लालू का राजनीतिक वारिस मानकर चल रहे थे । इसके लिए बाकयदा उन्होंने लॉबिंग भी की । लेकिन लालू बेटों के सामने बेबस हो गये । और पप्पू को बाहर का रास्ता दिखा दिया ।
खबर है कि इस बार लालू की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी । लालू खुद भी चारा घोटाले के दोषी हैं इसलिए लड़ नहीं सकते । इसलिए लालू इस बार अपने दोनों बेटों को लॉन्च करने तैयारी में हैं । बड़ा बेटा तेज प्रताप वैशाली जिले की महुआ सीट से लड़ सकता है तो सोनपुर या राघोपुर से तेजस्वी के लड़ाने की तैयारी हो रही है । तेज प्रताप की उम्मीदवारी का बाकायदा एलान हो चुका है । महुआ सीट से अभी जेडीयू के रवींद्र राय विधायक हैं । रवींद्र राय बागी हैं और उनके एनडीए के टिकट पर लड़ने की उम्मीद है । तेज प्रताप की उम्मीदवारी के लिए पूर्व उम्मीदवार जागेश्वर राय को पार्टी से निकाला जा चुका है । सोनपुर सीट से पहले लालू जीत चुके हैं। हालांकि पिछले चुनाव में राबड़ी देवी हार गई थीं ।
सिर्फ लालू ही नहीं आरजेडी में चुनाव लड़ने वाले नेता पुत्रों की लंबी लिस्ट है । पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरजेडी नेता रघुनाथ झा के बेटे अजीत कुमार झा शिवहर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं । पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी के बेटे फराज फातमी आरजेडी के टिकट पर केवटी से लड़ सकते हैं । आरजेडी से सांसद रहे जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर बीजेपी में हैं जिन्हें बक्सर की किसी सीट से टिकट मिलने की उम्मीद है । जेडीयू के एमएलसी विजय मिश्रा के बेटे ऋषि मिश्रा पिछले साल उपचुनाव में लॉन्च हुए थे। जीत गए और इस बार फिर से लड़ेंगे । पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा (हम )पहले से एमएलए हैं । इस बार एनडीए के टिकट पर झंझारपुर से लड़ने वाले हैं ।हम के प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी और उनके बेटे सम्राट चौधरी दोनों राजनीति में हैं । सम्राट विधानसभा का चुनाव परबत्ता से लडेंगे । हम के नेता नरेंद्र सिंह खुद एमएलसी हैं । उनके दो बेटे विधायक हैं । जमुई जिले से दोनों फिर से चुनाव लड़ेंगे । बीजेपी सासंद हुकुमदेव नारायण यादव के विधायक बेटे अशोक यादव केवटी से फिर लड़ेंगे । मीनापुर से जेडीयू के टिकट पर तीन बार के विधायक रहे दिनेश प्रसाद इस बार बागी हैं । मीनापुर से बेटे अजय कुमार को टिकट मिलने की उम्मीद है । पूर्व सासंद जगदीश शर्मा के बेटे राहुल शर्मा घोसी से चुनाव लड़ेंगे । राहुल अभी भी विधायक हैं । पिछली बार जेडीयू से जीते थे इस बार बागी है । बैकुंठपुर के विधायक मंजीत सिंह भी पिता की विरासत संभाल रहे हैं । कांग्रेस में भी ऐसे नेताओं की भरमार है । खुद प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी के पिता महावीर चौधरी भी मंत्री थे ।

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