प्रकाश झा की फिल्म गंगाजल को आप
भूले नहीं होंगे। इस फिल्म में अभिनेता अजय देवगन एसपी का किरदार निभा रहे थे। अजय
तो रील लाइफ के एसपी थे लेकिन रियल लाइफ का वो एसपी 35 साल बाद आज फिर चर्चा में
है। फिल्म की कहानी अपराधियों को सजा के तौर पर आंख में तेजाब डालने को लेकर है।
तेजाब को ही फिल्म में गंगाजल के रूप में पेश किया गया है। फिल्म की कहानी बिहार
के अंखफोड़वा कांड से प्रभावित है। बिहार के भागलपुर जिले में साल 1979-80 में
अंखफोड़वा कांड हुआ था। इसकी गूंज तब दिल्ली तक सुनाई दी थी। जिस वक्त भागलपुर में
ये कांड हुआ उस वक्त वहां के एसपी थे वीडी राम यानी विष्णु दयाल राम।
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पूर्व डीजीपी वीडी राम |
इसके बाद वीडी राम की पहचान
अंखफोड़वा एसपी के तौर पर होने लगी। बेतिया और मुजफ्फरपुर जैसे शहर में तब
अपराधियों का बोलबाला हुआ करता था लेकिन वीडी राम के आने से सब तड़ीपार हो गये थे।
हालांकि वीडी राम अब कहते हैं कि "जब
उन्होंने भागलपुर एसपी का पदभार संभाला था। तक इस तरह के 12 केस दर्ज हो चुके
थे"। वीडी राम 9 महीने तक भागलपुर के एसपी रहे। इस दौरान ऑपरेशन गंगाजल के शिकार
33 लोग हुए। सीबीआई ने जांच के दौरान वीडी राम से कई बार पूछताछ भी की थी। हालांकि
इनके खिलाफ कभी कोई केस दर्ज नहीं हुआ। अंखफोड़वा कांड में सीबीआई ने कुल 10 पुलिस
वालों को आरोपी बनाया था। लोअर कोर्ट ने 3 लोगों को दोषी माना। पटना हाईकोर्ट ने
कुछ दिनों पहले ही एक इंस्पेक्टर को बरी कर दिया और दो पुलिस वालों की सजा को
बरकरार रखा।
बिहार के बंटवारे के बाद वीडी
राम झारखंड कैडर में चले गए और वहां वो दो बार राज्य के डीजीपी रहे।
डीजीपी रहते हुए राम ने राज्य में झारखंड जगुआर के नाम से स्पेशल टास्क फोर्स बनाया। हालांकि डीजीपी रहते हुए इनपर सेक्रेट फंड के दुरुपयोग का आरोप भी लगा। दो साल पहले नक्सलियों ने मारने की कोशिश भी की लेकिन वो बाल बाल बच गए।
डीजीपी रहते हुए राम ने राज्य में झारखंड जगुआर के नाम से स्पेशल टास्क फोर्स बनाया। हालांकि डीजीपी रहते हुए इनपर सेक्रेट फंड के दुरुपयोग का आरोप भी लगा। दो साल पहले नक्सलियों ने मारने की कोशिश भी की लेकिन वो बाल बाल बच गए।
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