वैसे तो चुनाव के वक्त दल बदल
स्वभाविक है लेकिन बिहार की राजनीति में इस बड़ा उलटफेर हो रहा है। रामविलास
पासवान ने लालू को झटका देकर बीजेपी से हाथ मिलाया और बिहार की राजनीति की दिशा ही
बदल दी। इस बार बीजेपी पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की नई नई बनी पार्टी से तालमेल करके
लड़ रही है। कई इलाकों मे इस गठबंधन को फायदा मिलने की उम्मीद चुनाव के विश्लेषक
लगा रहे है। लेकिन चुनावी शतरंज की बिसात पर हर कोई हर सीट के लिए गोटी फिट करने
में जुटा है।
पाटलिपुत्र
की जंग
लालू खुद लड़ने लायक नहीं हैं सो
बेटी को विरासत सौंपने का फैसला कर पाटलिपुत्र से टिकट दे दिया। इस सीट से बीजेपी
ने लालू की पार्टी के विधान परिषद सदस्य नवल किशोर यादव को कुछ दिन पहले ही टिकट
का भरोसा देकर शामिल किया था। लेकिन लालू के लक्ष्मण रहे रामकृपाल यादव ने पाला
बदल दिया और अब पाटलिपुत्र सीट से इनके बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर उतरने की चर्चा
है। इस खबर से नवल किशोर के हाथ पांव फूले हुए हैं।
खगड़िया का
खेल
सबसे दिलचस्प खेल है खगड़िया का
है। इस सीट पर अभी जेडीयू का कब्जा है। कई बार सांसद रह चुके दिनेश चंद्र यहां से
सांसद है। कांग्रेस और आरजेडी में जब तालमेल की चर्चा हो रही थी तब इस बात की
अटकलें लग रही थी लालू कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महबूब अली कैसर के लिए ये
सीट छोड़ सकते हैं। नतीजा हुआ कि अटकलों को आधार बनाकर ही विधानसभा में आरजेडी के
मुख्य सचेतक रहे सम्राट चौधरी ने पार्टी तोड़ दी। टिकट की चाह में सम्राट जेडीयू
में चले गये। लालू ने इस बात को प्रतिष्ठा का सवाल बनाया और कांग्रेस को ये सीट
नहीं दी। अब नतीजा हुआ कि कांग्रेस से टिकट लड़ने के इच्छुक महबूब अली कैसर ने
पाला बदल दिया। कैसर आज ही एलजेपी में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें खगड़िया से
एनडीए का उम्मीदवार बना दिया। लालू ने इस सीट से जिस कृष्णा यादव को टिकट दिया है
वो उसी जेडीयू के बाहुबली रणवीर यादव की पत्नी हैं जिसने दो साल पहले नीतीश के लिए
लोगों पर कार्बाइन तान दी थी। कृष्णा रणवीर की दूसरी पत्नी हैं.. इनकी एक पत्नी
पूनम अभी भी खगडिया से जेडीयू की विधायक हैं। पूनम और कृष्णा आपस में सगी बहनें
हैं और अच्छे रिश्ते हैं। अब नीतीश इस सीट से सम्राट की जगह आज ही जेडीयू में
शामिल हुए सम्राट के पिता शकुनी चौधरी को टिकट दे सकते हैं। शकुनी एक बार नीतीश की
पुरानी पार्टी समता पार्टी से सांसद रह चुके हैं।
इससे पहले मुजफ्फऱपुर के जेडीयू
सांसद कैप्टन जयनारायण निषाद पाला बदलकर बीजेपी में गए। बीजेपी निषाद के बेटे को
टिकट देने वाली है। औरंगाबाद के जेडीयू सांसद सुशील कुमार सिंह बीजेपी में गए।
गोपालगंज के जेडीयू सांसद पूर्णमासी राम भी जेडीयू छोड़े लेकिन किसी पार्टी ने
उन्हें अब तक भाव नहीं दिया है। झंझारपुर के जेडीयू सांसद मंगनी लाल मंडल लालू की
पार्टी में गए तो उन्हें वहां टिकट मिल गया। सीवान के निर्दलीय सांसद ओम प्रकाश
यादव और बांका की निर्दलीय सांसद पुतुल देवी भी बीजेपी का दामन थाम चुकी हैं।
जेडीयू के सांसद मोनाजिर हसन की बेगूसराय सीट नीतीश ने सीपीआई के खाते में डाल दी
है। मोनाजिर ने अभी कुछ तय नहीं किया है।
विधायकों का
पाला बदल
मंत्री रेणु
कुशवाहा के पति विजय कुशवाहा मोदी की रैली में जेडीयू छोड़कर बीजेपी में शामिल हो
गए। इसके बाद रेणु ने इस्तीफा दे दिया। विजय कुशवाहा को मधेपुरा से टिकट मिलने की
उम्मीद है। इससे पहले मंत्री परवीन अमानुल्लाह भी इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी में
चली गईं। जेडीयू विधायक छेदी पासवान बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। उन्हें सासाराम
से मीरा कुमार के खिलाफ टिकट मिल सकता है। जेडीयू विधायक नीरज सिंह, ज्ञानेंद्र
सिंह ज्ञानू, अन्नू शुक्ला नाराज चल रही हैं। जेडीयू के पूर्व विधायक भगवान सिंह
कुशवाहा को लालू ने नीतीश की पार्टी से तोडकर आरा से टिकट दे दिया। विधान परिषद
में आरजेडी के विधायक गुलाम गौस को टिकट नहीं मिला तो वो जेडीयू में चले गये हैं
मधुबनी से लड़ने की खबर है । फिल्मकार प्रकाश झा लोजपा से जेडीयू में गए और
पश्चिमी चंपारण से टिकट पा गए। बीजेपी के 8 बार के विधायक रहे अवनीश कुमार को
नीतीश ने तोड़ा और पूर्वी चंपारण से टिकट दे दिया। एलजेपी विधायक जाकिर अनवर अबु
कैसर, पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी भी टिकट की चाह में जेडीयू में शामिल हुए हैं।
बाहुबलियों
का नया ठिकाना
पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद
मोहन की पत्नी लवली आनंद को कहीं ठिकाना नहीं मिला तो इस बार वो मुलायम के साथ चली
गई हैं। पिछला चुनाव लवली कांग्रेस के टिकट पर लड़ी थी इस बार उन्हें शिवहर से
समाजवादी पार्टी का टिकट मिला है। पप्पू यादव अभी तक निर्दलीय घूम
रहे थे। लेकिन लालू ने मधेपुरा का टिकट थमाया और अब वो लालू के हो गए।
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