चैनल में आज तो आखिरी दिन था ये हम लोग जानते ही थे । सुबह जब मैं आया तो ये सोचते हुए दफ्तर में पहुंचा कि सर आएंगे तो उनके आने का वीडियो बनाऊंगा । लेकिन जब मैं पहुंचा तो वो पहुंचे हुए थे ।
हल्के फुल्के अंदाज में मैंने उनसे कहा भी कि मैंने ये सोचा था... उन्होंने जवाब दिया हां कैमरा बाहर लगवा दिया है... जाते वक्त सब होगा ।
सुबह से ही हमलोग कह रहे थे कि माला मंगवाऊंगा, नारेबाजी होगी.. जॉली मूड में सब चल रहा था ।
निखिल सर से बात हुई तो बोले कि शाम को 4 बजे के आसपास चला जाऊंगा । साथ खाना खाने के बाद हम लोग रोज की तरह ऑफिस के पीछे पेड़ के नीचे जमा हुए, कुछ इधर उधर की गॉशिप हुई फिर चले आए काम करने ।
हुआ कि केक मंगा लिया जाए । शर्मा ने पांडे को बुलाया और पैसे दिये.. निखिल सर शायद समझ गये थे । पांडे का हाथ पकड़कर बोले कि पैसा वापस करो... हमसे बोले ये सब ठीक नहीं है । हमने भी मना कर दिया और पैसा वापस करने को कहा ।
कुछ देर बाद निखिल सर जब कार्ड जमा करने की बात करने गये तो मौका मिल गया और शर्मा ने पैसे देकर पांडे को केक लाने भेज दिया । पांडे केक की दुकान पर पहुंचा और फोन करके पूछा कि सर, लिखना क्या है... मैंने कहा लिखवा दो फिर मिलेंगे...पांडे ने कुछ नाम को लेकर ज्ञान देना शुरू किया तो मैंने फोन शर्मा को थमा दिया और बोला बात कर लो....
समय से पांडे केक लेकर आ गया... शाम पांच बजे के आसपास सारी कागजी प्रक्रिया पूरी हो गई और फिर हमलोग केक काटने कैंटीन बुलाकर ले गये । जितने लोग पहुंच सकते थे सब पहुंचे... केक कटाई हुई... चेहरे पर केक की मालिश की गई... लोग गले मिले... पांडे भावुक हो गया... खूब सारी फोटो खींची गई
इसके बाद हुआ कि चला जाए....हिमांशु जाने वाला था इसलिए उसे सारथी बनाया... कैंटीन से निकले तो सर गैलरी से बढ़ने लगे.,. मैंने कहा न्यूज रूम में भी आ जाइए और बाकी लोगों से मिल लीजिए..
सर आए... न्यूजरूम में सबसे मिले.. फिर पीसीआर गये... ग्राफिक्स, वेब, प्रोग्रामिंग सब टीम से मिले...कोई गले मिल रहा था तो कोई हाथ मिला रहा था... कोई शुभकामना दे रहा था और जो नहीं जान रहा था वो आश्चर्य कर रहा था...हिमांशु रोने लगा....सर सब लोगों से मिलकर बाहर निकले.... रजनीस सर, अरुण सर भी थे... रिसेप्शन पर पहुंचने के बाद उन्होंने सब को आने से मना कर दिया.. हाथ हिलाते एबीपी न्यूज से विदा हो गये... दो साल से कुछ ज्यादा दिनों का सफर इस दूसरी पारी में उनके नाम रहा.....
निखिल सर को चैनल में लाने वाले मिलिंद सर इसी महीने की पहली तारीख को विदा हुए थे आखिरी तारीख को निखिल सर ने विदा लिया....
अगस्त का महीना भारी रहा, विवादों से भरा रहा....
हल्के फुल्के अंदाज में मैंने उनसे कहा भी कि मैंने ये सोचा था... उन्होंने जवाब दिया हां कैमरा बाहर लगवा दिया है... जाते वक्त सब होगा ।
सुबह से ही हमलोग कह रहे थे कि माला मंगवाऊंगा, नारेबाजी होगी.. जॉली मूड में सब चल रहा था ।
निखिल सर से बात हुई तो बोले कि शाम को 4 बजे के आसपास चला जाऊंगा । साथ खाना खाने के बाद हम लोग रोज की तरह ऑफिस के पीछे पेड़ के नीचे जमा हुए, कुछ इधर उधर की गॉशिप हुई फिर चले आए काम करने ।
हुआ कि केक मंगा लिया जाए । शर्मा ने पांडे को बुलाया और पैसे दिये.. निखिल सर शायद समझ गये थे । पांडे का हाथ पकड़कर बोले कि पैसा वापस करो... हमसे बोले ये सब ठीक नहीं है । हमने भी मना कर दिया और पैसा वापस करने को कहा ।
कुछ देर बाद निखिल सर जब कार्ड जमा करने की बात करने गये तो मौका मिल गया और शर्मा ने पैसे देकर पांडे को केक लाने भेज दिया । पांडे केक की दुकान पर पहुंचा और फोन करके पूछा कि सर, लिखना क्या है... मैंने कहा लिखवा दो फिर मिलेंगे...पांडे ने कुछ नाम को लेकर ज्ञान देना शुरू किया तो मैंने फोन शर्मा को थमा दिया और बोला बात कर लो....
समय से पांडे केक लेकर आ गया... शाम पांच बजे के आसपास सारी कागजी प्रक्रिया पूरी हो गई और फिर हमलोग केक काटने कैंटीन बुलाकर ले गये । जितने लोग पहुंच सकते थे सब पहुंचे... केक कटाई हुई... चेहरे पर केक की मालिश की गई... लोग गले मिले... पांडे भावुक हो गया... खूब सारी फोटो खींची गई
इसके बाद हुआ कि चला जाए....हिमांशु जाने वाला था इसलिए उसे सारथी बनाया... कैंटीन से निकले तो सर गैलरी से बढ़ने लगे.,. मैंने कहा न्यूज रूम में भी आ जाइए और बाकी लोगों से मिल लीजिए..
सर आए... न्यूजरूम में सबसे मिले.. फिर पीसीआर गये... ग्राफिक्स, वेब, प्रोग्रामिंग सब टीम से मिले...कोई गले मिल रहा था तो कोई हाथ मिला रहा था... कोई शुभकामना दे रहा था और जो नहीं जान रहा था वो आश्चर्य कर रहा था...हिमांशु रोने लगा....सर सब लोगों से मिलकर बाहर निकले.... रजनीस सर, अरुण सर भी थे... रिसेप्शन पर पहुंचने के बाद उन्होंने सब को आने से मना कर दिया.. हाथ हिलाते एबीपी न्यूज से विदा हो गये... दो साल से कुछ ज्यादा दिनों का सफर इस दूसरी पारी में उनके नाम रहा.....
निखिल सर को चैनल में लाने वाले मिलिंद सर इसी महीने की पहली तारीख को विदा हुए थे आखिरी तारीख को निखिल सर ने विदा लिया....
अगस्त का महीना भारी रहा, विवादों से भरा रहा....