Thursday, September 10, 2015

बिहार चुनाव- किस दौर के चुनाव में कौन है भारी ?

बिहार में चुनावी बिगुल बज गया है । चुनाव आयोग ने 5 चरणों में चुनाव कराने का एलान किया है । नतीजे 8 नवंबर को यानी दीवाली से पहले आ जाएंगे । चुनाव की तारीखों के एलान के बाद आज हम आपको आंकड़ों के लिहाज बताने जा रहे हैं कि किस दौर में कौन सी पार्टी भारी है और कौन सी पार्टी कमजोर ।

12 अक्टूबर को पहले दौर का चुनाव
पहले चरण में भागलपुर मंडल के दोनों जिले भागलपुर और बांका, मुंगेर प्रमंडल के सभी पांचों जिले मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, खगड़िया, जमुई के साथ मिथिला मंडल के समस्तीपुर, बेगूसराय और मगध मंडल के नवादा जिलों में वोट डाले जाएंगे । यानी कुल 10 जिलों की 49 सीटों पर वोटिंग होगी । 2010 में इन 49 सीटों में से जेडीयू के पास 29, बीजेपी के पास 13, आरजेडी के पास 4, कांग्रेस के पास 1 और अन्य के पास 2 सीटें थी ।

16 अक्टूबर को दूसरे दौर का चुनाव
चुनावों का सबसे छोटा चरण है । मगध प्रमंडल के गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, अरवल के अलावा पटना प्रमंडल के कैमूर और रोहतास में वोट डाले जाएंगे । इन 6 जिलों में विधानसभा की कुल 32 सीटें हैं । 2010 के चुनाव में जेडीयू के पास 18 बीजेपी के पास 9, आरजेडी के पास 2, एलजेपी के पास 1 और अन्य को 2 सीटें मिली थी ।

28 अक्टूबर को तीसरे दौर का चुनाव
राजधानी पटना सहित 6 जिलों में इस दौर में वोट डाले जाएंगे । पटना प्रमंडल के पटना, भोजपुर, बक्सर, नालंदा जिले के अलावा तिरहुत प्रमंडल के वैशाली और सारण प्रमंडल के छपरा जिले में वोट डाले जाएंगे । इस दौर में कुल 50 सीटों पर वोटिंग होगी । 2010 के नतीजों को देखें तो बीजेपी और जेडीयू का अंतर काफी कम है । जेडीयू को उस वक्त 23 सीटें मिली थी । बीजेपी के पास 20 और आरजेडी के खाते में 7 सीटें गई थी ।

1 नवंबर को पांचवें दौर का चुनाव
तिरहुत प्रमंडल के 5 जिलों के साथ सारण के दो जिलों में  55 सीटों पर वोटिंग होगी । मुजफ्फऱपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के साथ सारण प्रमंडल के सीवान और गोपालगंज जिले में 1 नवंबर को वोट डाले जाएंगे । 2010 के चुनाव में यहां बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी । जेडीयू को तब 25 और बीजेपी को 26 सीटों पर जीत मिली थी । तब आरजेडी को एक और अन्य को तीन सीटें मिली थी ।

5 नवंबर को पांचवें दौर का चुनाव
सीमांचल के साथ ही मिथलांचल के भी दरभंगा और मधुबनी जिलों की 57 सीटों पर इस दौर में वोटिंग होगी । कोसी प्रमंडल के 3 जिले मधेपुरा, सहरसा, सुपौल के अलावा पूर्णिया के 4 जिले पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज में तो वोटिंग होगी ही । मिथिला मंडल के दरभंगा और मधुबनी जिलों में भी पांचवें दौर में वोट डाले जाएंगे ।
2010 में इन 9 जिलों में जेडीयू को 20 और बीजेपी को 23 सीटें मिली थी । आरजेडी को 8, एलजेपी को 2, कांग्रेस को 3 और एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी ।
आखिरी दौर का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है । बीजेपी अभी संख्या के हिसाब से भले ही सब पर भारी है । लेकिन असल प्रभाव इस इलाके में लालू-नीतीश का ही है । सीमांचल मुस्लिम और यादव बहुल इलाका है। लेकिन इस बार के चुनाव में पप्पू यादव तारिक अनवर, तस्लीमुद्दीन महागठबंधन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं ।
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