13 जनवरी को मैने एक खबर दी थी... शीषर्क था... खबर पक्की है? अब प्रश्नवाचक चिन्ह का मतलब नहीं रह गया..
हालांकि हटा नहीं रहा हूं...शरद यादव ने आज ललन सिंह के इस्तीफे की खबर की पुष्टि कर दी.. खुद ललन सिंह भी
सामने आ गए। सच्चाई से पर्दा उठा दिया। राहुल गांधी का बिहार दौरा 1 फरवरी से शुरू हो रहा है... चर्चा तो होगी, लेकिन
अभी कोई फैसला होगा साफ-साफ कह नहीं सकते। नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच बातचीत की गुंजाइश नहीं बची है। ललन विरोधी खेमा लगातार इस प्रयास में है कि ललन सिंह को राहुल गांधी का आदमी घोषित कर दिया जाए। कमोबेश मामला मुकाम तक पहुंचता दिख रहा है... वैसे समाज के लोग भी मानते हैं कि ललन सिंह के जाने से फायदा होगा.... अऱुण कुमार सिंह पब्लिक के नेता हैं। ललन सिंह हाल की राजनीति के उपज है... मैं जब 1995 में पार्टी में आया था तब ललन जी पार्टी के प्रदेश के कोषाध्यक्ष हुआ करते थे... हालांकि नीतीश कुमार का फाइल वही डील करते थे.. हाल तक करते रहे हैं...अब कांग्रेस में जाएंगे अगर तो.. कैसे एडजस्टमेंट होगा कह नहीं सकते। वैसे नीतीश कुमार की राजनीति क्लियर नहीं है...पार्टी का एक बड़ा तबका... कार्यकर्ताओं का खुद को बड़ा ही असहाय महसूस कर रहा है... राज्य में काम हुआ है हर कोई मान रहा है लेकिन कार्यकर्ता खुश नहीं हैं... इस साल चुनाव है... और चुनाव तो कार्यकर्ताओं को ही लड़ना है...अभी कई मोर्चों पर मारामारी होगी...पार्टी में एक बड़ा वर्ग बीजेपी से अलग चुनाव लड़ने का पक्षधर है.. नीतीश कुमार वोट के हिसाब से समाज को बांट भी रहे हैं...नीतीश कुमार को फायदा भी है तो नुकसान भी....अब भरपाई के लिए क्या रणनीति है उनके पास नहीं बता सकता...
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