
नीतीश कुमार- मुख्यमंत्री (गृह, सामान्य प्रशासन)
सुशील कुमार मोदी (उप मुख्यमंत्री, वित्त, वाणिज्य, पर्यावरण, वन)
जनता दल यूनाइटेड-
विजय कुमार चौधरी (सरायरंजन)- जल संसाधान
विजेंद्र यादव- (सुपौल) ऊर्जा,संसदीय कार्य, उत्पाद
नरेंद्र सिंह---कृषि मंत्री
वृषण पटेल- (वैशाली) परिवहन और सूचना जनसंपर्क
नरेंद्र नारायण यादव-(आलमनगर) विधि, योजना विकास
रेणु कुमारी-(बिहारीगंज) उद्योग, आपदा प्रबंधन
जीतन राम मांझी(मखदुमपुर)- अनुसूचित जाति, जनजाति
शाहिद अली खान(सुरसंड) अल्पसंख्यक कल्याण, सूचना प्रौद्योगिकी
दामोदर रावत(झाझा)- भवन निर्माण
हरिप्रसाद साह(लौकहा)- पंचायती राज
गौतम सिंह(मांझी)- विज्ञान प्रौद्योगिकी
नीतीश मिश्रा(झंझारपुर)- ग्रामीण विकास
पीके शाही- मानव संसाधन
श्याम रजक (फुलवारी)- खाद्य आपूर्ति
रमई राम-(बोचहां) राजस्व और भूमि सुधार
परवीन अमानुल्लाह- (साहेबपुर कमाल)समाज कल्याण
भीम सिंह- ग्रामीण कार्य विभाग
अवधेश कुशवाहा(पीपरा)- लघु सिंचाई
बीजेपी के मंत्री---
नंद किशोर यादव(पटना साहिब)- पथ निर्माण
अश्विनी कुमार चौबे (भागलपुर)-स्वास्थ्य
प्रेम कुमार (गया टाउन)- शहरी विकास
गिरिराज सिंह- पशु एवं मत्स्य
जनार्दन सिंह सिग्रीवाल(छपरा)- श्रम संसाधन
चंद्र मोहन राय(चनपटिया)- पीएचईडी
सुखदा पांडे (बक्सर)- कला संस्कृति, युवा
एस एन आर्या (राजगीर)- खान एवं भूतत्व
रामाधार सिंह (औरंगाबाद)- सहकारिता
सुनील कुमार पिंटू (सीतामढ़ी)- पर्यटन
बीजेपी कोटे से मंत्री बनने वाले ज्यादातर विधायक शहरी क्षेत्र से चुने गए हैं। चनपटिया और राजगीर का अपना महत्व है, नहीं तो बाकी सब जिला मुख्यालय वाले ही विधायक जी मंत्री बने हैं।
और उसमें भी जानते चलिए कि बिहार में कुल 38 जिले हैं। 19 जिलों को ही अभी नीतीश के कुनबे में जगह मिली है। बाकी के 19 जिले के एनडीए विधायक फिलहाल 'बेरोजगार'हैं। कब तक रहेंगे ये मुझे नहीं पता।
जिलेवार आंकड़ों पर गौर फरमाए तो
जिला--------कुल सीट------एनडीए-----कितने मंत्री
मधुबनी--------10--------7---------------2
मधेपुरा--------04--------3---------------2
सीतामढ़ी------ 08--------8---------------2
छपरा---------10--------8---------------2
पटना --------14--------11--------------2
गया---------10--------09--------------1
जहानाबाद-----3---------03--------------1
बक्सर ------4---------04--------------1
औरंगाबाद----- 6--------05--------------1
सुपौल ----- -5--------05--------------1
मोतिहारी---- 12--------11-------------1
मुजफ्फरपुर-- 11--------10--------------1
समस्तीपुर--- 10-------08--------------1
बेतिया----- 09-------07---------------1
वैशाली --- -08-------08---------------1
बेगूसराय--- 07-------06---------------1
भागलपुर-- 07-------06---------------1
नालंदा--- 07--------06---------------1
जमुई---- 4--------03----------------1
इसके अलावा बाकी के 19 जिलों का खाता फिलहाल खाली है।
सीमांचल के इलाके में अररिया की कुल 6 में से 5 सीट एनडीए के पास है, पूर्णिया की 7 में से 6 सीट कटिहार में 7 में से 6 सीट लेकिन कोई मंत्री नहीं बना।
दरभंगा 10 में से 8 सीट, गोपालगंज 6 में से 6 सीट, सीवान 8 में से 8 सीट, नवादा की 5 में से 5 सीट, मुंगेर की 3 में से 3 सीट, भोजपुर की 7 में से 5 सीट एनडीए के खाते में है लेकिन कोई मंत्री नहीं है।
बाकी के बचे जिले के हालात भी मिलते जुलते हैं। सिर्फ किशनगंज जिला ऐसा है जहां एनडीए का खाता नहीं खुला 4 की सभी 4 सीट एनडीए हार गई।
कुल मामला ये है कि जिन जिलों से एनडीए के 77 विधायक जीत कर आए हैं वहां से कोई मंत्री नहीं है। कुल 129 जीते विधायकों वाले जिले से 28 मंत्री बनाए गए हैं।
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