Friday, August 31, 2018

1 अगस्त को मिलिंद सर, 31 अगस्त को निखिल सर......

चैनल में आज तो आखिरी दिन था ये हम लोग जानते ही थे । सुबह जब मैं आया तो ये सोचते हुए दफ्तर में पहुंचा कि सर आएंगे तो उनके आने का वीडियो बनाऊंगा । लेकिन जब मैं पहुंचा तो वो पहुंचे हुए थे ।
हल्के फुल्के अंदाज में मैंने उनसे कहा भी कि मैंने ये सोचा था... उन्होंने जवाब दिया हां कैमरा बाहर लगवा दिया है... जाते वक्त सब होगा ।
सुबह से ही हमलोग कह रहे थे कि माला मंगवाऊंगा, नारेबाजी होगी.. जॉली मूड में सब चल रहा था ।
निखिल सर से बात हुई तो बोले कि शाम को 4 बजे के आसपास चला जाऊंगा । साथ खाना खाने के बाद हम लोग रोज की तरह ऑफिस के पीछे पेड़ के नीचे जमा हुए, कुछ इधर उधर की गॉशिप हुई फिर चले आए काम करने ।
हुआ कि केक मंगा लिया जाए । शर्मा ने पांडे को बुलाया और पैसे दिये.. निखिल सर शायद समझ गये थे । पांडे का हाथ पकड़कर बोले कि पैसा वापस करो... हमसे बोले ये सब ठीक नहीं है । हमने भी मना कर दिया और पैसा वापस करने को कहा ।
कुछ देर बाद निखिल सर जब कार्ड जमा करने की बात करने गये तो मौका मिल गया और शर्मा ने पैसे देकर पांडे को केक लाने भेज दिया । पांडे केक की दुकान पर पहुंचा और फोन करके पूछा कि सर, लिखना क्या है... मैंने कहा लिखवा दो फिर मिलेंगे...पांडे ने कुछ नाम को लेकर ज्ञान देना शुरू किया तो मैंने फोन शर्मा को थमा दिया और बोला बात कर लो....

समय से पांडे केक लेकर आ गया... शाम पांच बजे के आसपास सारी कागजी प्रक्रिया पूरी हो गई और फिर हमलोग केक काटने कैंटीन बुलाकर ले गये । जितने लोग पहुंच सकते थे सब पहुंचे... केक कटाई हुई... चेहरे पर केक की मालिश की गई... लोग गले मिले... पांडे भावुक हो गया... खूब सारी फोटो खींची गई
इसके बाद हुआ कि चला जाए....हिमांशु जाने वाला था इसलिए उसे सारथी बनाया... कैंटीन से निकले तो सर गैलरी से बढ़ने लगे.,. मैंने कहा न्यूज रूम में भी आ जाइए और बाकी लोगों से मिल लीजिए..

सर आए... न्यूजरूम में सबसे मिले.. फिर पीसीआर गये... ग्राफिक्स, वेब, प्रोग्रामिंग सब टीम से मिले...कोई गले मिल रहा था तो कोई हाथ मिला रहा था... कोई शुभकामना दे रहा था और जो नहीं जान रहा था वो आश्चर्य कर रहा था...हिमांशु रोने लगा....सर सब लोगों से मिलकर बाहर निकले.... रजनीस सर, अरुण सर भी थे... रिसेप्शन पर पहुंचने के बाद उन्होंने सब को आने से मना कर दिया.. हाथ हिलाते एबीपी न्यूज से विदा हो गये... दो साल से कुछ ज्यादा दिनों का सफर इस दूसरी पारी में उनके नाम रहा.....
निखिल सर को चैनल में लाने वाले मिलिंद सर इसी महीने की पहली तारीख को विदा हुए थे आखिरी तारीख को निखिल सर ने विदा लिया....
अगस्त का महीना भारी रहा, विवादों से भरा रहा.... 

Monday, August 20, 2018

अटल के अंतिम दिन की कहानी

बुधवार 15 अगस्त की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स गये । करीब चालीस मिनट रहने के बाद मोदी रात साढ़े आठ बजे के आसपास वहां से निकले । इस दौरान मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक झरने पर दर्जन भर लोगों के बह जाने की खबर आ गई । वीडियो बहुत ही भयानक था लिहाजा अटल जी की तबीयत वाली खबर उस वक्त हल्की पड़ गई । हालांकि लोगों को ये अनुमान लग गया था कि अटल जी बहुत बीमार हैं और अब शायद न बचें । सुबह से ही तमाम चैनलों ने कवरेज शुरू कर दिया । चैनलों के कलर स्कीम बदल दिये गये । मेडिकल बुलेटिनों पर टकटकी लग गई । एम्स के बाहर, अटल जी के घर पर , बीजेपी मुख्यालय पर रिपोर्टर तैनात कर दिये गये ।

रात से ही एम्स में जाकर अटल जी को देखने वालों का तांता लग चुका था । सुबह भीड़ बढ़ती जा रही थी और लोगों की धड़कनें भी बढ़ रही थी । न्यूज रूम और स्टूडियो में सिर्फ यही चर्चा थी कि कितने बजे एलान होगा ।

16 अगस्त की दोपहर को पीएम मोदी भी एम्स गये । अमित शाह, जेपी नड्डा, विजय गोयल सहित बड़े बड़े नेता मंत्री वहां मौजूद थे । मोदी चालीस मिनट रहकर लौट गये । इस दौरान दोपहर का वक्त भी बीत गया था । सास बहू के शो चैनलों पर ड्रॉप हो चुके थे । अमूमन बहुत बड़ी खबर होने पर ही सास बहू का शो कोई भी चैनल ड्रॉप करता है ।

ढाई बजे से पीसीआऱ में रनडाउन में ड्यूटी लग चुकी थी । हर मिनट की हलचल पर नजर थी । कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी धीरे धीरे एम्स पहुंच रहे थे । शायद सरकार और सिस्टम को पता चल गया था कि अटल जी अब एम्स से जिंदा नहीं निकलने वाले । इस बीच अटल जी के घर पर भी तैयारियों की सुगबुगाहट हो रही थी ।

शाम को 4 बजे के आसपास जब स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा मीडिया से बात करने आये तो लगा कि वही एलान करेंगे । हालांकि क्रिटिकल बताकर वो चले गये । खबर आने लगी कि पांच बजे मेडिकल बुलेटिन आएगा । स्टूडियो, पीसीआर, न्यूज रूम और एम्स में बहुत तेज हलचल थी ।

साढ़े पांच बजे के करीब हमारे संपादक पीसीआर में पहुंचे और बताया कि अभी एक मिनट पहले एक अखबार ने नहीं रहने का खबर ट्वीट किया है । तैयारी कर लो । सर ये बताकर न्यूजरूम में आ गये और अगले ही मिनट में मोबाइल पर एक मेडिकल बुलेटिन का पर्चा लेकर फिर से पहुंचे ।

सर बोले कि ये किसी ने ट्वीट किया है । मेडिकल बुलेटिन है तुम तैयार हो जाओ । तभी एम्स के बाहर से रिपोर्टिंग कर रहे अंकित गुप्ता और विकास भदौरिया के पास भी हलचल तेज हुई । लेकिन विकास भदौरिया के मोबाइल पर एम्स के मेडिकल बुलेटिन का पर्चा खुल नहीं रहा था । तभी मेरे पीछे खड़े हमारे संपादक ने कहा चला दो खबर ।

संपादक का आदेश कान में पड़ते ही मैंने अपने कंट्रोल में लिये विज से लाल फुल फ्रेम फायर कर दिया ।

पूरी स्क्रीन पर लिखकर आया
पूर्व पीएम अटल जी नहीं रहे ।

चंद सेकेंड बाद बाकी चैनलों पर भी फुल फ्रेम खबर और ब्रेकिंग की पट्टी चलने लगी । अटल जी के नहीं रहने की पुष्टि हो चुकी थी । तुरंत पीएम मोदी ने ट्वीट करके श्रद्धांजलि दी... इसके बाद नेताओं के ट्वीट पर ट्वीट आने लगे ।

कुछ देर बाद अटल जी के पार्थिव शरीर को उनके घर 6 कृष्ण मेनन मार्ग पर लाया गया । जहां तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी । रात 10.30 बजे तक चैनल लाइव मोड में रहा । फिर 10.30 बजे अटल जी पर ही स्टोरी चली ।

इस दौरान हमलोगों ने अगले दिन क्या करना है इसकी रणनीति बनाई  क्योंकि अगले दिन अंतिम यात्रा निकाली जानी थी । तय हुआ कि चैनल का चेहरा कल सफेद रहेगा ।
एंकरों के लिए सफेद कपड़े मंगवाए गए । सहयोगी शिखा सिंह रात को जाकर एंकरों के सफेद कपड़े खरीद कर लाई । निखिल सर के आइडिया को अमल में लाने के लिए संपादक रजनीश सर के कहने पर सत्येंद्र सर ने कंस्टीट्यूशन क्लब में श्रद्धांजलि सभा की रातों रात तैयारी करवाई । रात में हमारी पूरी टीम देर तक रुकी और हमने कल सुबह की पूरी तैयारी की । मुकम्मल तैयारी करने के बाद रात करीब 12 बजे घर निकले । 

Tuesday, August 7, 2018

उस दिन राजमहल में मातम पसरा था......

'अवंतिकापुर' में सब लोग शांति से जी रहे थे । जंगल के राजा को चिंता रहती थी लेकिन प्रजा खुश थी । प्रजा को अपने राजा पर पूरा भरोसा था और राजा भी प्रजा पर उतनी ही शिद्दत से यकीन रखता था ।
लेकिन राजा ठहरा राजा । पड़ोसी राजाओं को देखकर इनका भी मन राज्य के विस्तार को मचलता रहता था । और बड़े राजा भी चाहते थे कि पड़ोसियों की तरह हमारा भी राज्य विस्तार हो । हम भी दुनिया के नंबर दो, नंबर तीन मुल्कों की श्रेणी में गिने जाएं ।

समय बीत रहा था । राजा हर मुमकिन कोशिश कर रहा था । मंत्री, साथी सलाहकारों के साथ बैठक करता । चर्चा में जो राय बनती उस पर अमल करता और करवाता । लेकिन कोई नतीजा उस तरीके का नहीं आ रहा था जैसी उम्मीद की जा रही थी । एक दिन राजा को किसी ने सलाह दी कि पड़ोसी राज्य का एक सेनापति इन दिनों बागी हो चला है । उसे साथ लिया जाए तो शायद साम्राज्य के विस्तार पर कुछ मदद मिल सकती है ।

राजा ने उस सेनापति से संपर्क साधा और उसे साथ कर लिया । सेनापति ने राजा को ही नहीं प्रजा को भी भरोसा दिया कि वो आ गये हैं तो सब ठीक कर देंगे । राजा भी खुश, प्रजा भी खुश । लेकिन प्रजा के मन में संशय था । संशय इस बात का कि कहीं ये बाहरी सेनापति राजा के साथ ही राजनीति न कर दे ।

हुआ भी यही । सेनापति खुद को राजा समझने लगा । आया था राज्य के विस्तार के लिए लेकिन उसने राज्य को ही तहस नहस करना शुरू कर दिया । प्रजा परेशान थी । लेकिन राजा पर भरोसा था लिहाजा प्रजा ने कभी मुंह नहीं खोला । और यही पर प्रजा से गलती हो गई ।
राजा को भी लगा कि सब ठीक हो जाएगा । लेकिन हुआ नहीं । और फिर अमावस की उस काली रात को राजा ने राज पाट छोड़कर संन्यास लेने का फैसला कर लिया ।
प्रजा में हाहाकार मच गया । जंगल में आग की तरह खबर फैल गई कि राजा तो जा रहा है । सब कुछ छोड़कर । प्रजा को छोड़कर । राज पाट छोड़कर ।
अमावस के अगले दिन राजमहल में मातम का माहौल था । मंत्री से लेकर संत्री तक सब परेशान थे । प्रजा में रूदन क्रंदन का माहौल था । महल में सब इस बात का इंतजार कर रहे थे कि राजा तो जा रहा है अब राजपाट कौन संभालेगा  ?
तरह तरह की आशंकाओं के बाद अवंतिकापुर पर छा चुका था । अवंतिकापुर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था । सभासदों की बैठक में नए राजा पर फैसला हो गया । दिन ढल रहा था । पुराने राजा से मिलने के लिए लोग लाइन में लगे थे । कोई रो रहा था, कोई परेशान हो रहा था.. सब उस सेनापति को लेकर गुस्से में थे जिसे राजा राज्य के विस्तार के लिए लाया था ।  गुस्से में दुकानें बंद होने लगी थी, बाजार बंद हो रहे थे.... देखते देखते समय बीत रहा था.... शाम ढली और अवंतिकापुर का चक्रवर्ती सम्राट अपने राज पाट को छोड़कर संन्यास की राह पर निकल पड़ा.....

लेकिन कोई समझ नहीं पाया कि राजा ने ऐसा क्यों किया ? क्या राजा पर कोई दबाव था ? और राजा उस दबाव को झेल नहीं पाया ?
सवाल का सही जवाब प्रजा आज भी तलाश रही है.... राजा के बिना राज्य चल रहा है....

क्रमश....