Friday, April 18, 2014

बिहार के बाहुबलियों का हाल जानिए

कई बाहुबली नेता तो मैदान में हैं ही कई बाहुबलियों की पत्नियां भी चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रही हैं । जेल में बंद और उम्रकैद की सजा काट रहे शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब, पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन, आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद, सूरजभान की पत्नी वीणा देवी, मुन्ना शुक्ला की पत्नी अन्नू शुक्ला, रणवीर यादव की पत्नी कृष्णा यादव, बृज बिहारी की पत्नी रमा देवी चुनावी मैदान में उतरी हैं । इनके अलावा कई बाहुबली नेता भी मैदान में हैं ।
हीना शहाब, लवली आनंद, रंजीता रंजन
शिवहर की सांसद रमा देवी उन बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी हैं जिनकी पटना के अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । रमा देवी पहले लालू की पार्टी भी थी लेकिन पिछली  बार बीजेपी से जीती इस बार भी बीजेपी से मैदान में हैं । खुद रमा देवी पर 5 केस चल रहे हैं । शिवहर सीट से ही बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार हैं । आनंद मोहन अभी डीएम हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं । लवली एक बार  वैशाली से सांसद रह चुकी हैं। लवली पर अलग अलग जिलों में 5 केस दर्ज हैं । जिनमें लूट से लेकर हिंसा कराने तक के आरोप हैं ।
बाहुबली सूरजभान सिंह हत्या के केस में दोषी ठहराये जा चुके हैं । सूरजभान की पत्नी वीणा देवी मुंगेर से चुनाव लड़ रही हैं। वीणा पर कोई केस नहीं है। लेकिन पति सूरजभान सिंह की गिनती एक जमाने में बिहार के कुख्यात लोगों में होती थी। सूरजभान एक बार सांसद रह चुके हैं। बाहुबली मुन्ना शुक्ला जो कि डीएम और बृजबिहारी की हत्या के दोषी हैं उनकी पत्नी अन्नू शुक्ला वैशाली से निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। अन्नू पर भी एक केस चल रहा था । मुन्ना शुक्ला अभी जेल में हैं। अन्नू जेडीयू की विधायक है । 
 बाहुबली पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस के टिकट पर सुपौल से लड़ रही हैं  । रंजीता पहले एलजेपी की सांसद रह चुकी हैं । 2009 तक रंजीता पर पांच केस चल रहे थे । रंजीता के  पति पप्पू यादव मधेपुरा से आरजेडी के उम्मीदवार हैं । पप्पू यादव एक केस में सजा पा चुके थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया । और इस बार वो शरद यादव के खिलाफ लड़ रहे हैं ।   पप्पू यादव पर दस साल पहले तक कुल 27 केस दर्ज थे । इनमें से हत्या के 3,  हत्या की कोशिश के 9 केस के अलावा फिरौती, अपहरण डकैती आर्म्स एक्ट के केस भी चल रहे थे ।
बाहुबली रामा सिंह वैशाली से लड़ रहे हैं । एलजेपी के उम्मीदवार हैं और पहले विधायक रह चुके हैं । रामा सिंह पर बिहार के अलावा छत्तीसगढ़ में भी केस दर्ज हो चुके हैं । हत्या. हत्या की कोशिश, अपहरण के मामलों में आरोपी हैं रामा सिंह । हाल ही में अवैध हथियार की खरीद में भी उनका नाम सामने आया था ।
बाहुबली मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह अभी जेडीयू के विधायक हैं । धूमल महाराजगंज से जेडीयू के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं । विधायक बनने से पहले तक हत्या, हत्या की कोशिश सहित 18 केस इन पर दर्ज थे । धूमल महाराजगंज में प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ लड़ रहे हैं । प्रभुनाथ सिंह पर दो केस चल रहे हैं । और प्रभुनाथ हत्या के केस में आरोपी हैं ।  पूर्वी चंपारण सीट से जेडीयू ने अवनीश कुमार को उतारा है । अवनीश बीजेपी के विधायक थे । चुनाव आयोग को 2010 में दिये हलफनामे के मुताबिक इन पर 5 केस दर्ज थे ।
शिवहर से आरजेडी ने पूर्व सांसद अनवारुल हक को टिकट दिया है । अनवारुल ने 2009 में चुनाव आयोग को जो हलफनामा दिया था उसके मुताबिक उनपर 8 केस चल रहे थे । हत्या की कोशिश से लेकर  ठगी, फिरौती और चोरी तक के आरोप हैं । तस्लीमुद्दीन को लालू ने अररिया से उतारा है । पूर्व मंत्री तस्लीमुद्दीन पर हत्या की कोशिश, फिरौती, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ ही दंगा कराने के आरोप लग चुके हैं । 9 मुकदमे 80 के दशक से चल रहे हैं ।
नवादा से जेडीयू ने कौशल यादव को टिकट दिया है । विधायक कौशल यादव पर 8 केस चल रहे हैं । हत्या की कोशिश, ठगी, चोरी, आपराधिक साजिश रचने के आरोपी हैं । जहानाबाद से चुनाव लड़ रहे बिहार के पूर्व मंत्री सुरेंद्र यादव पर तो दो केस में आरोप तय हो चुके हैं ।

Monday, April 14, 2014

बिहार- पटना और मगध प्रमंडल के उम्मीदवारों को जानिए

पटना साहिब सीट से बीजेपी ने शत्रुघ्न सिन्हा को फिर से उतारा है । कायस्थ जाति के शत्रुघ्न 2009 में भी यहां से सांसद बने थे। कांग्रेस ने भोजपुरी अभिनेता कुणाल सिंह को उतारा है । कुणाल यादव जाति के हैं। जेडीयू ने  मशहूर डॉक्टर गोपाल सिन्हा को टिकट दिया है ।आम आदमी पार्टी की परवीन अमानुल्लाह यहां से उम्मीदवार हैं। कायस्थ, यादव, मुस्लिम, कुर्मी वोटर अच्छी संख्या में हैं ।
पाटलिपुत्र सीट से रंजन यादव फिर से जेडीयू के टिकट पर मैदान में हैं । रंजन 2009 में जीते थे। कभी लालू के नंबर दो रहे रंजन यादव लालू के सत्ता पतन के बाद नीतीश के साथ हो लिए । बीजेपी ने रामकृपाल यादव को उतारा है। रामकृपाल भी लालू के सबसे विश्वासपात्र हुआ करते थे। 30 साल तक लालू के साथ रहे । राज्यसभा के सांसद थे लेकिन लोकसभा लड़ने की चाहत  ने बीजेपी में पहुंचा दिया । आरजेडी से लालू की बेटी मीसा भारती मैदान में हैं । मीसा की वजह से ही रामकृपाल ने पार्टी छोड़ी है । तीनों यादव जाति के हैं । इस सीट पर यादव वोटर सबसे ज्यादा हैं । भूमिहार वोटर भी अच्छी संख्या में हैं ।
आरा से जेडीयू ने मीना सिंह को फिर से उतारा है । राजपूत जाति की मीना सिंह के पति पहले यहां से सांसद थे लेकिन सडक हादसे में उनकी मौत के बाद से मीना यहां से सांसद हैं । आरजेडी ने जेडीयू छोड़कर आए भगवान सिंह कुशवाहा को उतारा है । कोइरी जाति के भगवान सिंह समता पार्टी के जमाने से नीतीश के साथ थे। यूथ समता के अध्यक्ष रहे विधानसभा में विधायक दल के उपनेता भी रहे। लेकिन 2010 के नीतीश लहर में विधानसभा हार गये । नीतीश ने कहीं सेट नहीं किया तो अब लालू के साथ हो लिए । कम्युनिस्ट पार्टी से करियर की शुरुआत की थी । बीजेपी ने राजकुमार सिंह उर्फ आरके सिंह को उतारा है । आरके सिंह गृह सचिव रह चुके हैं और बिहार में आडवाणी  के रथ को रोकने का काम लालू के कार्यकाल में इन्होंने ही किया था ।
  नालंदा जो की नीतीश कुमार का गढ़ कहा जाता है । असल में नीतीश का नहीं बल्कि कुर्मी वोटरों का गढ़ है । नीतीश ने फिर से कौशलेंद्र कुमार को उतारा है ।जबकि कांग्रेस ने पूर्व डीजीपी आशीष रंजन सिन्हा को टिकट दिया है । दोनों कुर्मी जाति के हैं । बीजेपी एलजेपी गठबंधन से सत्यानंद शर्मा उम्मीदवार हैं । सत्यानंद शर्मा बढ़ई यानी ओबीसी हैं । इस सीट पर सबसे ज्यादा कुर्मी वोटर हैं ।
                                           बक्सर लोकसभा सीट से आरजेडी ने राजपूत जाति के अपने सांसद जगदानंद सिंह को फिर से उतारा है । जेडीयू ने श्याम लाल कुशवाहा को टिकट दिया है । श्यामलाल पहले बीजेपी में थे । कोइरी जाति के हैं। बीजेपी ने भागलपुर के रहने वाले अश्विनी चौबे को उतारा है । ब्राह्मण जाति के अश्विनी अभी विधायक हैं । बक्सर में ब्राह्मण, राजपूत वोटर अच्छी संख्या में हैं ।
                                        काराकट सीट से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से लड़ रहे हैं । उपेंद्र कुशवाहा पहले नीतीश के साथ थे । बिहार में विपक्ष के नेता रह चुके हैं । इस सीट से जेडीयू ने अपने सांसद महाबली सिंह को फिर से उतारा है। आरजेडी से पूर्व मंत्री कांति सिंह लड़ रही हैं ।  उपेंद्र और महाबली कोइरी हैं । कांति सिंह खुद यादव हैं लेकिन शादी कोइरी परिवार में हुई है । 
उपेंद्र कुशवाहा के साथ अरुण कुमार (बीच में दोनों)
               जहानाबाद से जेडीयू ने आम्रपाली ग्रुप के मालिक अनिल शर्मा को टिकट दिया है । एनडीए से अरुण कुमार है ।दोनों भूमिहार जाति के हैं । अरुण कुमार पहले समता पार्टी में नीतीश के साथ थे जहानाबाद से सांसद रह चुके हैं । अभी लोकतांत्रिक समता पार्टी के बिहार के अध्यक्ष हैं । आरजेडी ने बाहुबली नेता और पूर्व मंत्री सुरेंद्र यादव को उतारा है                                   
           नवादा सीट से बीजेपी ने गिरिराज सिंह को टिकट दिया है ।गिरिराज सिंह भूमिहार जाति के हैं । आरजेडी से राज बल्लभ यादव हैं। जेडीयू से विधायक कौशल यादव हैं।  ये दोनों यादव जाति के हैं । कौशल अभी विधायक हैं इनकी पत्नी भी विधायक हैं । दोनों पिछली बार निर्दलीय विधायक का चुनाव जीते थे । नवादा में भूमिहार, कोइरी और  यादव अच्छी संख्या में हैं ।
                                   गया से रामजी मांझी आरजेडी के बीजेपी से हरि मांझी और जेडीयू से जीतन राम मांझी उम्मीदवार हैं । सीट सुरक्षित हैं । तीनों एक ही जाति के हैं । जीतन राम बिहार में मंत्री हैं । हरि मांझी बीजेपी के सीटिंग एमपी हैं । रामजी मांझी भी सांसद रह चुके हैं । 
सूरजभान की पत्नी वीणा सिंह
 मिनी चितौड़गढ के नाम से मशहूर औरंगाबाद से कांग्रेस के टिकट पर निखिल कुमार सिंह मैदान में हैं। निखिल एक बार सांसद रहे हैं अभी केरल के राज्यपाल थे। पूर्व सीएम सत्येंद्र नारायण सिंह के बेटे है। पत्नी श्यामा सिंह भी सांसद रह चुकी हैं। निखिल दिल्ली के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं ।  बीजेपी ने जेडीयू से निकाले गये सुशील कुमार सिंह को टिकट दिया है । सुशील भी राजपूत जाति के हैं और यहां से सांसद हैं। बागी कुमार वर्मा कोइरी जाति के हैं। पहले बिहार में मंत्री रह चुके हैं । नीतीश ने जेडीयू से उतारा है 
                           मुंगेर से जेडीयू ने फिर से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को उतारा है। बीजेपी-एलजेपी गठबंधन से वीणा सिंह हैं। वीणा बाहुबली सूरजभान की पत्नी हैं। ये दोनों भूमिहार जाति के हैं। आरजेडी ने कोइरी जाति के प्रतीक मेहता को टिकट दिया है। प्रतीक पेशे से पत्रकार हैं । खगड़िया से जेडीयू ने दिनेश यादव को फिर से टिकट दिया है । आरजेडी ने बाहुबली नेता रणवीर यादव की पत्नी कृष्णा यादव को टिकट दिया है ।  कृष्णा यादव की बहन पूनम यादव जेडीयू की विधायक हैं । कृष्णा और पूनम दोनों बहनें ही रणवीर की पत्नियां हैं । एलजेपी ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे महबूब अली कैसर को टिकट दिया है ।

Saturday, April 5, 2014

बिहार - तिरहुत प्रमंडल के लोकसभा उम्मीदवारों को जानिए

पश्चिमी चंपारण जिले की वाल्मिकी नगर लोकसभा सीट से जेडीयू ने अपने वर्तमान सांसद वैद्यनाथ प्रसाद को फिर से टिकट दिया है । वैद्यनाथ प्रसाद कोइरी जाति के हैं। पहली बार नौतन से विधायक का चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे 2009 में पहली बार सांसद बने।
सतीश दुबे को बीजेपी से टिकट मिला है। ब्राह्मण जाति के सतीश नरकटियागंज से बीजेपी के विधायक हैं । फायर ब्रांड हिंदूवादी नेता की छवि है। 2005 में बीजेपी के टिकट पर विधायक बने । पहले शिवसेना में थे ।(चंद्रमोहन राय, आरएस पांडेय, दिलीप वर्मा जैसे दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ टिकट लेने में कामयाब रहे)                           
कांग्रेस के पूर्णमासी राम गोपालगंज से सांसद है । पहले बगहा से विधायक चुने जाते थे । लालू-राबडी सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री हुआ करते थे । 2009 में गोपालगंज से जेडीयू ने टिकट दिया और गोपालगंज सुरक्षित सीट से जीत गए । जेडीयू से निकलने के बाद आरजेडी में जाना चाह रहे थे लेकिन कांग्रेस में चले गए और वाल्मीकि नगर से टिकट मिल गया .
रघुनाथ झा
पश्चिमी चंपारण यानी बेतिया सीट से बीजेपी ने पेशे से डॉक्टर संजय जायसवाल को फिर से टिकट दिया है। संजय जायसवाल के पिता प्रकाश जायसवाल भी यहां से सांसद हुआ करते थे। प्रकाश के निधन के बाद संजय इस सीट से सांसद बने।
 आरजेडी ने मैथिल ब्राह्मण जाति के रघुनाथ झा को टिकट दिया है । यहां से एक बार लालू की पार्टी से रघुनाथ झा सांसद रह चुके हैं । शिवहर के रहने वाले रघुनाथ झा 27 साल तक शिवहर से विधायक थे ।बिहार में सरकार किसी की भी हो रघुनाथ झा मंत्री जरूर रहते थे ।  दल बदल का इनका अपना रिकॉर्ड है । कांग्रेस से करियर की शुरुआत की. जनता दल, समाजवादी जनता पार्टी, आरजेडी, समता पार्टी, जेडीयू में रह चुके हैं । 1999 में गोपालगंज सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव जीते थे । 2004 में बेतिया से एमपी बने और केंद्र में मंत्री बने । 2009 में वाल्मिकी नगर से हार गये थे ।
 जेडीयू ने फिल्मकार प्रकाश झा को टिकट दिया है । गंगाजल, अपहरण, राजनीति जैसी फिल्में बनाने वाले प्रकाश झा पिछली बार इसी सीट से एलजेपी के उम्मीदवार थे । 2009 में नहीं जीते इस बार नीतीश ने टिकट दिया है । प्रकाश झा भी मैथिल ब्राह्मण हैं ।
पूर्वी चंपारण यानी मोतिहारी लोकसभा सीट से बीजेपी ने राधा मोहन सिंह को फिर से टिकट दिया है । 1989 में पहली बार इस सीट से बीजेपी के टिकट पर चुने गए । बिहार में बीजेपी को स्थापित करने वाले नेताओं में से एक हैं । राजपूत जाति के राधामोहन छात्र राजनीति से ही संघ से जुड़े हैं । 4 बार के सांसद राधामोहन अभी बीजेपी अनुशासन समिति के अध्यक्ष हैं ।
आरेजेडी ने विनोद कुमार श्रीवास्तव को टिकट दिया है। विनोद लालू के पीए हैं। लालू की गैरमौजूदगी में दिल्ली में उनका काम विनोद ही देखते हैं। कायस्थ जाति के हैं। मोतिहारी में कायस्थ वोटरों की संख्या न के बराबर है लेकिन लालू ने रिस्क लिया है ।
 जेडीयू ने अवनीश कुमार सिंह को टिकट दिया है । भूमिहार जाति के अवनीश बीजेपी के विधायक थे । उस जमाने से बीजेपी में थे जब बिहार में बीजेपी की कोई पहचान नहीं थी । लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षा ने उन्हें बीजेपी से दूर कर दिया । पहले ढाका विधानसभा सीट से विधायक होते थे जहां उत्तर बिहार में मुस्लिमों की संख्या सबसे ज्यादा है । 2010 में इस सीट का नाम चिरैया हो गया था ।
शिवहर सीट से बीजेपी ने रमा देवी को फिर से टिकट दिया है । वैश्य जाति की रमा देवी 2009 में बीजेपी में शामिल हुई और लोकसभा का टिकट पाकर चुनाव जीत गईं । रमा देवी पहले आरजेडी में रह चुकी हैं और बाहुबली नेता रहे बृजबिहारी प्रसाद की पत्नी हैं जिनकी पीएमसीएच में हत्या कर दी गई थी ।
 आरजेडी ने अनवारुल हक को टिकट दिया है । अनवारुल हक एक बार शिवहर से ही सांसद रह चुके हैं । 2004 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और हार गये थे । 2009 में बीएसपी के टिकट पर लड़के दूसरे नंबर पर रहे । अनवारुल की छवि बाहुबली नेता की है । 2004 में स्टिंग ऑपरेशन को लेकर विवादों में रहे ।
आनंद मोहन के साथ लवली
 जेडीयू ने शाहिद अली खान को उम्मीदवार बनाया है । शाहिद अली खान बिहार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हैं और पहले लालू के साथ भी रह चुके हैं । अभी सीतामढ़ी के सुरसंड से विधायक हैं । पिछले दिनों शाहिद अली खान पर आतंकियों से रिश्ता रखने के आरोप लगे थे जिसके बाद वो विवादों मे रहे । हालांकि नीतीश ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी ।
समाजवादी पार्टी से लवली आनंद मैदान में हैं । बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली 1994 में वैशाली से बिहार पीपुल्स पार्टी के टिकट पर सांसद रह चुकी हैं । राजपूत जाति के वोटरों पर लवली की अच्छी पकड़ है । पिछली बार कांग्रेस से लड़ी और हार गई । 
जगत जननी मां सीता की जन्म धरती सीतामढी से जेडीयू ने सांसद अर्जुन राय को फिर से उतारा है । औराई के रहने वाले यादव जाति के अर्जुन राय पहले बिहार में मंत्री थे । शरद यादव के करीबी रहे हैं । बिहार यूनिर्विसिटी में छात्र आरजेडी के अध्यक्ष हुआ करते थे । छात्र राजनीति करते हुए ही विधायक बने फिर सांसद ।
 आरेजेडी ने पूर्व सांसद सीताराम यादव को उतारा है । यादव जाति के वोटरों पर पकड़ मानी जाती है । लेकिन जीत का समीकरण इनके पक्ष में नहीं दिखता ।
एनडीए ने ये सीट उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समता पार्टी को दी है । अभी उम्मीदवार का एलान नहीं हुआ है । 
मुजफ्फऱपुर से आरजेडी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश सिंह को टिकट दिया है । अखिलेश सिंह भूमिहार जाति के हैं । बिहार के अरवल के रहने वाले अखिलेश सिंह लालू के करीबी हुआ करते थे । 2004 में मोतिहारी से जीतकर सांसद बने और केंद्र में मंत्री भी । 2009 में कांग्रेस में गए और इस बार कांग्रेस के टिकट पर पड़ोस की मुजफ्फऱपुर सीट से लड़ रहे हैं ।
 बीजेपी ने अजय निषाद को टिकट दिया है । अजय पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन जयनाराय़ण निषाद के बेटे हैं । मल्लाह जाति के अजय की कोई अपनी राजनीतिक पहचान नहीं है । पिता के दम पर मैदान में हैं ।  हाजीपुर के रहने वाले कैप्टन निषाद 1996 में पहली बार सांसद बने थे । अभी जेडीयू में थे लेकिन पिछले महीने उन्हें पार्टी ने निकाल दिया था । बेटे को टिकट दिलाने की शर्त के साथ बीजेपी में गए ।
 जेडीयू ने विजेंद्र चौधरी को टिकट दिया है । जो पिछले महीने तक लोकजनशक्ति पार्टी में थे । एलजेपी का बीजेपी से समझौता हुआ और लोकसभा लड़ने की मंशा अधूरी रह गई । इसके बाद पार्टी बदलकर जेडीयू में चले गए।  वैश्य जाति के विजेंद्र चौधरी 1995 में पहली बार लालू की पार्टी से मुजफ्फऱपुर शहर से विधायक बने । 2010 तक इस सीट से विधायक का चुनाव जीतते रहे ।
 वैशाली सीट से आरजेडी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को उतारा है । रघुवंश सिंह राजपूत जाति के हैं । 1996 से जीतते आ रहे हैं । सीतामढ़ी के कॉलेज में गणित के प्रोफेसर थे । सांसद बनने से पहले बेलसंड से विधायक हुआ करते थे । मूल रूप से वैशाली के ही रहने वाले हैं ।
रामा सिंह
 एलजेपी ने रामा सिंह को टिकट दिया है । राजपूत जाति के रामा सिंह बाहुबली नेता हैं । वैशाली जिले के महनार से विधायक रह चुके हैं । 2010 में हार गये थे ।
 जेडीयू ने विजय सहनी को उतारा है । विजय सहनी मल्लाह जाति के हैं और कैप्टन जयनाराय़ण निषाद के रिश्तेदार हैं । जिले की लालगंज सीट से जेडीयू की विधायक अन्नू शुक्ला भी निर्दलीय मैदान में है । अन्नूमुन्ना शुक्ला की पत्नी हैं और भूमिहार जाति की हैं । इस सीट पर भूमिहार, राजपूत, मल्लाह, यादव वोटर सबसे ज्यादा हैं ।
 हाजीपुर सुरक्षित सीट से रामविलास पासवान एलजेपी के उम्मीदवार हैं । 2009 का चुनाव छोड़कर पासवान कभी नहीं हारे थे । 2009 में पूर्व मुख्यमंत्री रामसुंदर दास ने 88 साल की उम्र में जेडीयू से लड़कर पासवान को हरा दिया । 25 साल में सांसद बने पासवान दुसाध जाति के हैं और रेल मंत्री रह चुके हैं । 
 जेडीयू ने 93 साल के वयोवृद्ध नेता रामसुदंर दास को उतारा है । रामसुंदर दास बिहार के मुख्यमंत्री थे । लालू के उदय के बाद राजनीति के हाशिये पर चल रहे थे । लेकिन 2009 में नीतीश ने दास पर दांव लगाया और वो जीत गये । लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता हैं ।
 कांग्रेस ने पूर्व मंत्री संजीव प्रसाद टोनी को टिकट दिया है। बिहार कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। 1980, 85, 90 में फुलवारीशरीफ से विधायक का चुनाव जीते । पिछला विधानसभा चुनाव हार गये थे ।



Tuesday, April 1, 2014

सितारों के सहारे लाल किले की रेस

अमेठी से बीजेपी  उम्मीदवार स्मृति ईरानी
 पांच साल तक कार्यकर्ता झंडा बैनर लगाए, दरी और चादर बिछाए. इलाके के लोगों के दुख सुख में साथ रहे लेकिन जब चुनाव की बारी आए तो राजनीतिक  आका चंद सेकेंड में सब कुछ भुला देते हैं ।  कोई परिवार के मोह में फंसता है तो कोई फिल्मी सितारों के सहारे सीट निकालने का जुगाड़ लगाता है । दक्षिण भारत में फिल्मी सितारों का सियासी कनेक्शन तो सालों से है । उत्तर भारत में भी इसका  जोरदार असर होने लगा है। तमाम राजनीतिक दलों को फिल्मी सितारे खूब पसंद आए हैं । समाजवाद, जेपी, लोहिया का नाम लेने वाली पार्टियों ने भी सिनेमा के शहंशाहों पर दांव लगाया है ।
                                             बीजेपी- कार्यकर्ता और कैडर की पार्टी कहे जाने वाली बीजेपी ने अमेठी से स्मृति ईरानी को टिकट दिया है । स्मृति भले ही आज की तारीख में बीजेपी की बड़ी नेता हो गई हों...लेकिन पहचान उनकी छोटे पर्दे की बहूरानी के तौर पर ही है । सास भी कभी बहू थी सीरियल से स्मृति घर घर में लोकप्रिय हुई थीं। बीजेपी ने राहुल के खिलाफ स्मृति को टिकट दिया है । सिनेमा की शूटिंग कर रहे परेश रावल को अमेरिका से बुलाकर उम्मीदवार बना दिया । परेश को टिकट देने के लिए सात बार के सांसद हरिन पाठक की राजनीतिक बलि ली गई । मथुरा से हेमामिलिनी का कोई लेना देना नहीं है फिर में बीजेपी ने उन्हें वहां लड़ने को भेज दिया । रोज कार्यकर्ता बवाल काट रहे हैं । 
                                                        चंडीगढ़ से किरन खेर उम्मीदवार बनीं तो कार्यकर्ता उबलने लगे । किरन का यहां अभिनेत्री गुल पनाग और पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल से मुकाबला है । 

चंडीगढ़ में स्टार वॉर (किरण खेर, बीेजेपी-गुल पनाग, आप)
 गायक बप्पी लाहिड़ी को पश्चिम बंगाल की श्रीरामपुर से टिकट दिया गया है । बप्पी लाहिड़ी पहली बार लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला टीएमसी के दिग्गज कल्याण बनर्जी से है । कांग्रेस ने यहां अब्दुल मन्नान को उतारा है ।  आसनसोल से गायक बाबुल सुप्रियो को पार्टी ने टिकट दिया है । विनोद खन्ना पंजाब के गुरदासपुर से उतरे हैं । यहां पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा उनके खिलाफ लड़ रहे हैं । पटना साहिब से शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा को कांग्रेस के भोजपुरी सुपर स्टार रहे कुणाल सिंह यादव से टक्कर मिल रही है । गायक मनोज तिवारी को बीजेपी ने दिल्ली नॉर्थ ईस्ट से कांग्रेस के जेपी अग्रवाल के खिलाफ टिकट दिया है । बंगाली अभिनेता जॉय बनर्जी को बीजेपी ने बीरभूम से टिकट दिया यहां उनके सामने टीएमसी की शताब्दी रॉय हैं । बंगाली अभिनेता नीमू भौमिक को बीजेपी ने रायगंज में मंत्री दीपादास मुंशी के खिलाफ उतारा है ।
                                                  कांग्रेस - वैसे तो आंदोलन की पार्टी कही जाती है लेकिन यहां भी कई सीटों पर सितारों के लिए कार्यकर्ताओं को कुर्बान कर दिया गया । सालों से टिकट के लिए तरस रही अभिनेत्री नगमा को कांग्रेस मेरठ से टिकट दिया है । इस सीट से उम्मीदवार का एलान हो चुका था लेकिन पार्टी ने उम्मीदवार बदल दिया । नगमा पहली बार चुनाव लड़ रही है और रोज किसी न किसी विवाद से पाला पड़ रहा है । भोजपुरी सुपर स्टार रवि किशन शुक्ला को कांग्रेस ने यूपी के जौनपुर से टिकट दिया है । रवि किशन भी पहला चुनाव लड़ रहे हैं । राज बब्बर पहले से राजनीति में हैं, इस बार वो गाजियाबाद सीट से चुनाव लड़ने उतरे हैं । कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल ने बिजनौर से जया प्रदा को टिकट दिया है 
अखाड़े में भोजपुरी स्टार(मनोज तिवारी,नगमा, रवि किशन)
                                   AAP-  कहने को तो अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी की पार्टी है लेकिन इसमें भी खास लोगों का सिक्का चल रहा है। लखनऊ सीट पर कई दावेदार थे । पुराने कार्यकर्ता से लेकर  पुराने नेता तक। लेकिन केजरीवाल ने उतारा तो दो दिन पहले पार्टी में आस्था जताने वाले अभिनेता जावेद जाफरी को। जावेद जाफरी हास्य अभिनेता हैं और मशहूर कॉमेडियन जगदीप के बेटे । जावेद जिस बिरादरी से आते हैं उस बिरादरी की अच्छी खासी संख्या लखनऊ में है। इसलिए केजरीवाल ने उनपर दांव लगाया है। केजरीवाल की पार्टी ने ही अभिनेत्री गुल पनाग को चंडीगढ़ से  टिकट दिया है। पहले यहां से सविता भट्टी उम्मीदवार थीं उन्होंने टिकट वापस कर दिया तो गुल पनाग मैदान में आ गईं । मशहूर कवि कुमार विश्वास तो पार्टी के ही स्टार नेता हैं।                                                     SP-  मुंबई नॉर्थ वेस्ट से अभिनेता कमाल खान को समाजवादी पार्टी ने उतारा है । इसी सीट से अभिनेत्री राखी सावंत निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं ।यहीं से राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस ने निर्माता-निर्देशक और अभिनेता महेश मांजरेकर को टिकट दे रखा है ।                                              
 JDU-  नीतीश कुमार की पार्टी भी सेलिब्रेटी को साधने में सफल रही। नीतीश ने गंगाजल, अपहरण, राजनीति, सत्याग्रह जैसी फिल्में बनाने वाले निर्माता निर्देशक प्रकाश झा को पश्चिमी चंपारण से उतारा है । 
LJP- अभिनेता से नेता बने चिराग पासवान खुद अपने पिता की पार्टी एलजेपी से जमुई से लड़ रहे हैं ।
TMC- गुजरे जमाने की हीरोइन मुनमुन सेन तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर पश्चिम बंगाल की बांकुरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं । मुनमुन सेन का मुकाबला 9 बार के सांसद रहे सीपीएम के बासुदेव आचार्य से है । अभिनेता बिश्वजीत को टीएमसी ने दक्षिणी दिल्ली से बंगाली वोटरों के भरोसे मैदान में उतारा है। बीरभूम से शताब्दी रॉय फिर से लड़ रही हैं । टीएमसी ने अभिनेता देब अधिकारी 
को घटाल सीट से उतारा है जो लगातार किसी न किसी वजह से विवादों में हैं ।