जिंदगी में खुशियां जो हैं वो तो खोजने से मिलती है लेकिन परेशानी जो है वो तो कदम कदम पर है। आदमी रोज खुशियों की तलाश करता है। बहाने खोजता है खुश रहने के। लेकिन खुशियां इंतजार कराती हैं। बहुत कम लोग होते हैं जिनपे आप भरोसा करते हैं या फिर बहुत कम लोग होते हैं जो आप पर भरोसा करते हैं। लोग कहते हैं कि भरोसा बहुत बड़ी चीज है, मुझे भी ऐसा लगता है। खुशियां बांटने के वक्त बहुत से लोग आपके करीबी हो जाते हैं। लेकिन परेशानी में शायद ही कोई साथ देने वाला मिलता है। मेरे कहने का ये मतलब ये नहीं है कि अपकी हर खुशी में हर कोई आपके जितना ही खुश होता है। इस संदर्भ में कुछ खुशी दिखाने की होती है तो कुछ लोगों की खुशी मजबूरी में। लेकिन जो आपके साथ वाकई में खुश होता है या फिर आपकी खुशी में आपसे ज्यादा उसे खुशी मिलती है तो वो आपका परिवार होता है। परिवार का मतलब सिर्फ मां-बाप, भाई-बहन ही नहीं है।
करोगे याद.... |
परिवार का मतलब वो साथी जो आपके साथ हर वक्त खड़ा है, आपके दुख-सुख में, सपनों में, हकीकत में, खाने में, पीने में। असल में आपके जीने का असली साथी, असली दोस्त, असली भाई, असली परिवार यही है। जो लोग इस मौके पर आपके साथ हैं वो लोग आपकी परेशानी में भी आपके सहभागी बनने के काबिल हैं। घर से कोसों दूर भागमभाग भरी जिंदगी में रोज लड़ाई होती है, कभी अपने से कभी अपने काम से तो कभी अपनों से। लेकिन इस भागमभाग में आपको अपनों की कमी खलती है। घर से कोसों दूर घरवाले यानी मम्मी-पापा, भाई-भाभी आपकी रोज रोज की परेशानियों को बांट नहीं सकते। खुशियां तो बांट लेते हैं। लेकिन परेशानी आप घरवालों को नहीं बताना चाहते इसलिए कि आप अपने घरवालों से प्यार करते हैं। उनको आपकी परेशानियों के बारे में पता चलेगा तो वो आपसे ज्यादा परेशान हो जाएंगे। यही सोचकर हम में से ज्यादा लोग घरवालों से हर परेशानी पर परिचर्चा नहीं करते। ऐसी ही परेशानियों पर चर्चा के लिए आपको करीबी दोस्त, साथी, सहपाठी, सहयोगी की कमी महसूस होती है या जिनके पास इतने करीबी मौजूद हैं तो वो इनसे चर्चा कर लेते हैं। लेकिन जिनके पास इनमें से कोई नहीं है, उनको और ज्यादा परेशानी होती है। इसलिए ही परेशानी से बचने के लिए हमें बेहद करीबी की जरूरत महसूस होती है। यहां ये साफ करना जरूरी है कि बेहद करीबी का मतलब केवल आपकी प्रेमिका, प्रेमी या पत्नी, पति से ही नहीं है। कुछ दोस्त ऐसे भी होने चाहिए जिनकी अहमियत प्रेमी, प्रेमिका, पार्टनर, पति, पत्नी से ज्यादा हो। वैसे सच्चाई ये है कि बहुत कम लोग ऐसे किस्मत वाले हैं। कोशिश कीजिए शायद मेरी तरह कमी महसूस नहीं करेंगे। मैं भी बहाने खोज रहा हूं। धन्यवाद। बहुत दिन हो गये थे कुछ लिखा नहीं था। मेरे लिए भी ये कहानी पुरानी है लेकिन आज सोचा इसी से शुरुआत करूं।